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Showing posts from February, 2018

सिनेमा की ‘श्रीदेवी’ का चले जाना, दिल अब भी मानने को तैयार नहीं, मगर उनके अभिनय की छाप हमारे दिलों में हमेशा बनी रहेगी

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वो रोमांटिक हो तो चांदनी बन जाती है। चुलबुली हो तो चालबाज बन जाती है। नाचे तो नगीना है। गुस्से में हो तो मॉम बन जाती है और अगर रूठ जाए तो उम्रभर का सदमा दे जाती है। श्रीदेवी चली गई हैं, लेकिन दिल अब भी मानने को तैयार नहीं। माने भी कैसे, 55 साल के जीवन में 51 साल तो सिनेमा को ही दिए हैं। मगर सच यही है कि श्रीदेवी अब हमारे बीच नहीं हैं। मगर उनके अभिनय की छाप हमारे दिलों में हमेशा बनी रहेगी। कहते हैं कि ईश्वर मनुष्य को पूर्ण नहीं बनाता, कोई न कोई कमी छोड़ ही देता है। किसी को रूप देता है तो गुण नहीं और किसी को गुण देता है तो रूप में कमी कर देता है, लेकिन इस बात के अपवाद भी होते हैं। भारतीय सिनेमा की पहली महिला सुपरस्टार श्रीदेवी वैसे ही अपवादों में से एक थीं। उन्हें ईश्वर ने संपूर्णता से रचा था। रूप का अपार वैभव भी दिया था और विलक्षण प्रतिभा का खजाना भी। परंतु, शायद ईश्वर को स्वीकार नहीं था कि उसकी ये मोहक रचना अधिक समय तक आदमियों की दुनिया में रहे, सो उसने बड़ी जल्दी ही भारतीय सिनेमा की इस श्री को अपने पास बुला लिया। 25 फरवरी को लगभग चौवन वर्ष की अल्पायु में श्रीदेवी भारतीय सिनेमा

अरविंद केजरीवाल की राजनीतिक शैली को पूरे देश का समर्थन मिला, उम्मीद है कि वे यह समझेंगे

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दिल्ली में आम आदमी पार्टी के विधायकों और मुख्य सचिव के बीच हुई मारपीट का मुद्दा अब राष्ट्रीय बहस का विषय बन चुका है। कौन सच बोल रहा है और कौन झूठ, यह पता लगाना कठिन है, मगर यह घटनाक्रम बेहद आसानी से अरविंद केजरीवाल पर सवाल उठा सकता है। अरविंद केजरीवाल की राजनीतिक शैली को पूरे देश का समर्थन मिला है। उसे वे इस तरह बेजा तरीके से खत्म नहीं कर सकते। उम्मीद है कि वे यह समझेंगे। राजधानी दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार फिर देशव्यापी चर्चा में है। वस्तुत: यह आजाद भारत के इतिहास में पहली बार है जब किसी प्रदेश के मुख्य सचिव ने अपने ही मुख्यमंत्री के सामने उसके आवास पर सत्तारूढ़ पार्टी के विधायकों द्वारा पिटाई करने का आरोप लगाया है। दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश ने पुलिस में दर्ज प्राथमिकी में आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के सामने उनके विधायकों ने उन पर हमला किया। अगर मेडिकल रिपोर्ट को देखें तो उनके शरीर पर चोट के निशान पाए गए हैं। उनके चेहरे पर कट का निशान और कंधे पर चोट के साथ उनके चेहरे और आसपास की जगहों पर सूजन होने की पुष्टि हुई है।

बेटियों के जन्म को ही अभिशाप समझने की सोच आज भी समाज में व्याप्त है, क्यों नहीं हो रही बेटियों की स्वीकार्यता

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हाल ही में नीति आयोग की रिपोर्ट में बेटियों की स्थिति को लेकर जो तस्वीर पेश की गई है, वह शर्मनाक है। बेटियों के जन्म को ही अभिशाप समझने की सोच आज भी समाज में व्याप्त है। लिंगानुपात में सुधार लाने के लिए हम सभी को लड़कियों के महत्व को समझना होगा और जागरूकता भी लानी होगी। आज जरूरत इस बात की है कि बेटियों के प्रति पूरा समाज संवेदनशील बने और उनका संसार में दिल खोलकर स्वागत करे। अर्थहीन बहसों, बेवजह की राजनीतिक उठापटक और आरोप-प्रत्यारोप के माहौल के बीच नीति आयोग की ताजा रिपोर्ट पूरी सामाजिक व्यवस्था को डराने वाली है। असंतुलित होते लिंगानुपात के नए आंकड़े सिर्फ चेताने वाले नहीं कहे जा सकते, क्योंकि इस मामले में आगाह करने वाली स्थिति तो बहुत पहले से बनी हुई है। अब तो हालात बेहद चिंतनीय हो चले हैं। गौरतलब है कि नीति आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक देश के 21 बड़े राज्यों में से 17 राज्यों में लिंगानुपात का आंकड़ा असंतुलित हो गया है। सबसे ज्यादा गिरावट गुजरात में हुई है। यहां 53 अंकों की गिरावट दर्ज की गई है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, 17 राज्यों में लिंग अनुपात दस अंक गिरा है। केवल गुजरात में

नेताओं का इस तरह से अंधविश्वास में फंसना देश और समाज के लिए सही नहीं, भूत-प्रेत की बातें बंद करें

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बिहार में लालू यादव के बेटे तेज प्रताप यादव के बाद अब राजस्थान विधानसभा में भी अंधविश्वास की बातें होने लगी हैं। नेताओं का इस तरह से अंधविश्वास में फंसना देश और समाज के लिए सही नहीं है। अत: वे इस तरह की बातें बंद कर विकास पर ध्यान लगाएं। हमारे नेताओं के बारे में अकसर कहा जाता है कि वे हर काम से पहले शुभ-अशुभ का विचार जरूर कर लेते हैं। ऐसा करके नेता शायद राजनीति में होने वाले उतार-चढ़ाव से बचना चाहते हैं। शुभ मुहूर्त में नामांकन दाखिल करने से शपथ लेने तक अकसर नेताओं की बातें दिख जाती हैं, जो उन्हें अंधविश्वास में यकीन रखने वाला बनाती हैं। इन दिनों अंधविश्वास का जीता-जागता उदाहरण बिहार में देखने को मिल रहा है। जहां लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भूत पीछे लगाने का दावा कर रहे हैं। भूतों के डर से तेज ने अपना सरकारी आवास भी छोड़ दिया है। अंधविश्वास का दूसरा उदाहरण राजस्थान में देखने को मिला। सदन के बाहर मुख्य सचेतक कालूलाल गुर्जर और नागौर से भाजपा विधायक हबीबुर्रहमान अशरफी ने यहां तक कहा कि विधानसभा में बुरी आत्माओं का साया है। तभी तो आज तक सदन में कभ

चीन के OBOR का विकल्प, ऐसी परियोजना का अस्तित्व में आना जरूरी, ताकि चीन की महत्वाकांक्षा काबू में रहे

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भारत, अमेरिका, आस्ट्रेलिया और जापान मिलकर एशिया में चीन की बढ़ती ताकत को रोकने के नजरिए से संयुक्त क्षेत्रीय बुनियादी ढांचा विकसित करने की महायोजना पर काम कर रहे हैं। दरअसल चीन की विस्तारवादी नीति इन चारों देशों को चिंतित कर रही है। वैसे भी चीन की जो हरकतें सामने आ रही हैं, उनके मद्देनजर पूरी दुनिया चीन को संदेह की नजर से देखने लगी है। ऐसे में एक ऐसी परियोजना का अस्तित्व में आना जरूरी है, ताकि चीन की महत्वाकांक्षा काबू में रहे। भारत, अमेरिका, आस्ट्रेलिया और जापान मिलकर एशिया में चीन की बढ़ती ताकत को रोकने के नजरिए से संयुक्त क्षेत्रीय बुनियादी ढांचा विकसित करने की महायोजना पर काम कर रहे हैं। यह चीन की अरबों डॉलर की परियोजना वन बेल्ट, वन रोड (ओबोर) का ठोस विकल्प होगी। आस्ट्रेलिया की अगुआई में यह पहल आगे बढ़ रही है। आस्ट्रेलियन अखबार फाइनेंशियल रिव्यू ने रिपोर्ट में एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी के हवाले से लिखा है कि चारों देशों को साथ लेकर चलने की यह योजना बनाई जा रही है, लेकिन न तो अभी इसका कोई स्पष्ट खाका है और न ही फिलहाल इसकी घोषणा होने वाली है। किंतु आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्र

प्रेम के नाम पर देश में बढ़ते अपराध, ऐसे में अगर हिंसा अपना स्थान बना रही, तो उसे प्यार शब्द देना गलत होगा

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प्रेम में असफल होने के बाद महिलाओं के साथ होने वाला अपराध अब चिंता नहीं बढ़ाता, बल्कि हमारी सोच और संस्कृति पर सवाल उठाता है। हर साल की तरह इस साल भी वैलेंटाइन डे के मौके पर कई जगह हिंसक गतिविधियां अंजाम दी गईं। सवाल यह है कि प्रेम के नाम पर ऐसा कोई कैसे कर सकता है, क्योंकि जहां प्रेम होता है, वहां हिंसा नहीं होती। ऐसे में अगर हिंसा अपना स्थान बना रही है, तो उसे प्यार शब्द देना गलत होगा। राजस्थान की राजधानी जयपुर में वैलेंटाइन डे के मौके पर एक सरफिरे ने महिला के साथ खौफनाक वारदात को अंजाम दिया। खुद को प्रेमी मानने वाले विकृत मानसिकता वाले इस व्यक्ति ने मॉल में महिला पर तेजाब से हमला कर दिया। दो बार पहले ही तलाक ले चुका यह व्यक्ति महिला पर शादी के लिए दवाब डाल रहा था। उसकी बात न मानने और महिला के निकाह के लिए मना करने पर उसने तेजाब से हमला कर दिया। दिनदहाड़े भीड़भाड़ वाले मॉल में इस दर्दनाक हादसे को अंजाम देने वाला व्यक्ति महिला को काफी समय से प्रताड़ित कर रहा था। हिंसक हुए प्रेम की ऐसी ही एक खबर उत्तर प्रदेश के हापुड़ भी आई है, जहां भाग कर शादी करने से इनकार करने पर एक सिरफिरे

पंजाब नेशनल बैंक में हुए घोटाले के बाद अपनी जिम्मेदारी समझें सभी बैंक

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पंजाब नेशनल बैंक में हुए घोटाले की परतें रोज खुल रही हैं। घोटाले को लेकर जांच एजेंसियों द्वारा किए जाने वाले खुलासे किसी को भी हैरत में डालने वाले हैं। इसी बीच भारतीय रिजर्व बैंक ने एक रिपोर्ट जारी कर बैंकों की असलियत से पर्दा उठाया है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि हर एक घंटे में चार बैंक कर्मचारी फ्रॉड करते हुए पकड़े जाते हैं। एक जनवरी 2015 से 31 मार्च 2017 के बीच सरकारी बैंकों के पांच हजार 200 कर्मचारियों को धोखाधड़ी के लिए दंडित किया गया है। आरबीआई के दस्तावेजों में कहा गया है, इन कर्मचारियों को दोषी पाया गया है और पेनाल्टी भी लगाई गई है, जिसमें सेवा से बर्खास्तगी तक भी शामिल है। केंद्रीय बैंक अप्रैल 2017 के बाद के आंकड़े जुटा रहा है। बैंक के कर्मचारियों का इस तरह से फ्रॉड में शामिल होना निश्चित रूप से सही नहीं है। बैंक ही वह स्थान है, जहां लोग अपने पैसों को लेकर निश्चिंत रहते हैं। माना कि बैंक में जमा पैसा लाख घोटालों व फर्जीवाड़ों के बाद भी सुरक्षित है, लेकिन इस तरह की खबरें मन को विचलित करती जरूर हैं। पंजाब नेशनल बैंक की मुंबई स्थित ब्रीच कैंडी शाखा में 11 हजार 360 करो

बेटियों के बिना अधूरा है संसार, समाज में बेटियों के अस्तित्व को स्वीकारें व उन्हें पूरा सम्मान भी दें

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देश में कानूनी तौर पर लिंग परीक्षण भले ही प्रतिबंधित है, लेकिन इसे प्रतिबंधित किए जाने के मायने तब तक अधूरे रहेंगे, जब तक प्रशासन, कानून और माता-पिता खुद अपनी जिम्मेदारी नहीं समझेंगे। कानून के बावजूद लिंगानुपात में बेटियां घट रही हैं। एक ओर बेटे के सानिध्य, संपर्क और संबल से वंचित होते बूढ़े मां-बाप के अश्रुपूर्ण अनुभव और भारतीय आंकड़े मातृत्व और पितृत्व के लिए खुद में एक नई चुनौती बनकर उभर रहे हैं। सभी देख रहे हैं कि बेटियां दूर हों, तो भी मां-बाप के कष्ट की खबर मिलते ही दौड़ी चली आती हैं, बिना कोई नफे-नुकसान का गणित लगाए, बावजूद इसके भारत ही नहीं, दुनिया में बेटियां घट रही हैं। काली बनकर दुष्टों का संहार करने वाली अब बेटी बनकर पिता के गुस्से का शिकार बन रही है। देश के 21 बड़े राज्यों में से 17 राज्यों में जन्म के समय लिंगानुपात में गिरावट दर्ज की गई है। गुजरात में गिरावट 53 अंक नीचे पहुंच गई है। नीति आयोग द्वारा जारी रिपोर्ट में भ्रूण का लिंग परीक्षण कराकर होने वाले गर्भपात के मामले में जांच की जरूरत पर जोर दिया गया है। गुजरात के बाद हरियाणा का स्थान है। यहां 35 प्वॉइंट्स की

राजनीति में दागियों पर अंकुश लगाना जरूरी, लेकिन आज तक एक भी दल ने इस दिशा में गंभीरता से प्रयास नहीं किया

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सुप्रीम कोर्ट ने दोषी करार दिए नेताओं के पार्टी प्रमुख बनने को लेकर चिंता जताई है। कोर्ट ने कहा, यह चिंता का विषय है कि दोषी करार दिया गया व्यक्ति खुद चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य है। ऐसा शख्स किसी राजनीतिक दल का प्रमुख है और वह चुनाव के लिए उम्मीदवारों का चयन कर रहा है। बहुत संभव है कि चुने हुए उम्मीदवारों में से कुछ जीतकर सरकार में भी शामिल हो जाएं। सुप्रीम कोर्ट ने बेहद तल्ख टिप्पणी करते हुए केंद्र सरकार से पूछा कि अगर कोई व्यक्ति जनप्रतिनिधि कानून के तहत चुनाव नहीं लड़ सकता तो वह कोई भी राजनीतिक पार्टी कैसे बना सकता है? कोर्ट की यह टिप्पणी उस फैसले के बाद आई है, जिसमें बीते दिनों केंद्र सरकार को सांसदों और विधायकों के खिलाफ आपराधिक मुकदमों की जल्द सुनवाई के लिए विशेष अदालतों के गठन का निर्देश दिया था। दागी नेताओं के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी सटीक है। अब सरकार और चुनाव आयोग को इस दिशा में सोचना होगा एवं राजनीति से अपराधीकरण को खत्म करना होगा। बता दें कि ओम प्रकाश चौटाला और लालू यादव जैसे नेता दोषी करार दिए गए हैं, लेकिन फिर भी पार्टी के सर्वेसर्वा बने हैं। हालांकि, चुना

अवसर मिलने में गोरे रंग की भूमिका, लेकिन अब इस जटिल समस्या से बाहर आना जरूरत बन गई

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अमेरिका-यूरोप में एक समय में रंग भेद अपने चरम पर था। वहां अफ्रीकी देशों से काले रंग के लोगों को गुलामी करने के लिए लाया जाता था। उन्हें तरह-तरह की प्रताड़नाएं दी जाती थीं, पशुओं की तरह मारा-पीटा जाता और बाकायदा बाजार में खड़ा कर के नीलाम किया जाता था, लेकिन अब सैद्धांतिक तौर पर वहां से रंग भेद लगभग खत्म हो चुका है। यह भी माना जाता है कि भारत में रंग भेद है ही नहीं, लेकिन यह बात सच नहीं है। वास्तविकता तो यह है कि हमारे समाज में हमेशा से रंग भेद रहा है और यह भेद अब भी कायम है, पर हम और हमारा समाज इस सच को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है, जबकि विज्ञापन की दुनिया से लेकर सिनेमा, सियासत, मॉडलिंग के क्षेत्र में काबिलियत के बजाय गोरे रंग को अब भी अत्याधिक महत्व दिया जाता है। विज्ञापन की दुनिया में चाहे प्रिंट हो या फिर टीवी दोनों में गोरी महिलाओं को ही प्रमुखता दी जाती है। आपको अभिनेत्री यामी गौतम का विज्ञापन तो याद ही होगा, जिसमें वह मात्र कुछ ही दिनों में क्रीम से गोरा होने की बात कहती हैं। वहीं यह विज्ञापन भी उनके जैसे गोरे रंग वाली अभिनेत्री से ही कराया जाता है, लेकिन चर्चा केव

ब्रिटेन में अकेलापन मंत्रालय बनाया गया, दुख-तकलीफ बांटने व अवसाद से लड़ने की लोगों के लिए सार्थक पहल की

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हाल ही में ब्रिटेन में अकेलापन मंत्रालय बनाया गया। खुद अकेलेपन का दंश झेल चुकीं ट्रेसी क्राउच बागडोर संभालने वाली पहली मंत्री बनी हैं। यानी ब्रिटिश सरकार द्वारा एक मंत्रालय गठित कर आमजन के दुख-तकलीफ बांटने और अवसाद से लड़ रहे लोगों के लिए सहयोगी वातावरण बनाने की सार्थक पहल की गई है। दरअसल, ब्रिटेन के यूरोपियन यूनियन से अलग होने के बाद से ही वहां अकेलापन चर्चा का विषय बना हुआ था। कुछ समय पहले आई एक रिपोर्ट ने यह बात पुख्ता की तो अकेलेपन से जूझ रहे लोगों के लिए ब्रिटेन की पीएम टरीजा मे ने यह ऐतिहासिक फैसला लिया। गौरतलब है कि वर्ष 2017 की कमीशन ऑन लोनलिनैस की रिसर्च के मुताबिक, ब्रिटेन में 90 लाख से ज्यादा लोग सबसे ज्यादा या हमेशा अकेलापन महसूस करते हैं। रिसर्च में यह भी सामने आया कि लगभग दो लाख बुजुर्गो ने महीने भर से भी ज्यादा वक्त से किसी दोस्त या करीबी से बात नहीं की। ध्यान देने वाली बात यही थी कि ऐसा अक्सर होता रहता है, जिसका नतीजा कई गंभीर बीमारियों के रूप में सामने आता है। इस रिपोर्ट के अनुसार, अकेलापन लोगों के स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव डालता है। यह एक दिन में 15 सिगरेट पी

PM नरेंद्र मोदी की फिलिस्तीन, यूएई और ओमान की यात्रा असरकारक रही

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तीन देशों के दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत वापस लौट आए हैं। फिलिस्तीन, संयुक्त अरब अमीरात और ओमान की यह यात्रा भारत के लिए काफी अहमियत रखती है। तीन देशों की यात्रा पर निकलने से पहले पीएम ने कहा भी था कि भारत के लिए खाड़ी और पश्चिम एशियाई देश काफी मायने रखते हैं। उनकी इस यात्रा का मकसद इन देशों के साथ संबंधों को मजबूत बनाना है। खाड़ी देशों में शामिल यूएई व ओमान कई लिहाज से भारत के लिए खास हैं। इसके अलावा जहां तक फिलिस्तीन की बात है यहां से भारत का व्यापारिक से कहीं ज्यादा दोस्ताना संबंध है। कूटनीतिक लिहाज से मोदी की इस यात्रा को बहुत अहमियत वाला माना जा रहा है। भारत और यूएई के बीच होने वाले व्यापार को 2020 तक 100 बिलियन डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य है। हाल के दिनों में जिस तरह से भारत और इजरायल के रिश्तों में गर्माहट देखी गई है, उसके मद्देनजर भारत अपने इन पारंपरिक व कूटनीतिक लिहाज से महत्वपूर्ण देशों के बीच कोई गलत संकेत नहीं देना चाहता। यही वजह है कि नरेंद्र मोदी की इस यात्रा से पहले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सऊदी अरब का दौरा किया था। जहां तक यूएई की बात है तो बत

देश में जलाशयों की स्थिति चिंतनीय, सरकार पानी की बर्बादी रोकने की दिशा में कानून बना रही है

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महात्मा गांधी ने एक बार कहा था कि प्रकृति मनुष्य की आवश्यकताओं की पूर्ति कर सकती है, परंतु लालच की नहीं। लाखों वर्ष पूर्व जब मनुष्य में ज्ञान एक पशु से अधिक नहीं था तब भी मनुष्य जीवन के लिए आवश्यक सभी चीजें प्रकृति से ही प्राप्त करता था। आज हम विज्ञान की ऊंचाइयों को छू रहे हैं तब भी हमारी आवश्यकताओं की पूर्ति प्रकृति से ही होती है। प्रकृति का मनुष्य जीवन में इतना महत्व होते हुए भी हम लालच के कारण संतुलन बिगाड़ रहे हैं। हाल ही में खबर आई है कि देश के 91 बड़े जलाशयों के जलस्तर में एक हफ्ते में ही दो फीसदी की गिरावट आ गई। यानी जो 64 फीसदी था एक हफ्ते में 62 फीसदी रह गया जबकि पिछले साल इन जलाशयों में जलस्तर 96 फीसदी था। बढ़ती आबादी, सिंचाई के साथ तेज होते औद्योगीकरण की वजह से भूमिगत जल का दोहन बढ़ा है और इसका नतीजा यह हुआ है कि विभिन्न राज्यों में जलाशयों का जलस्तर घट रहा है। भू-वैज्ञानिकों के मुताबिक, साल भर में होने वाली कुल बारिश का कम से कम 31 फीसदी पानी धरती के भीतर रिचार्ज के लिए जाना चाहिए। उसी स्थिति में बिना हिमनद वाली नदियों और जलस्त्रोतों में लगातार पानी रुकेगा, लेकिन क

महिलाओं की उम्मीदें: सशक्त बनाने के लिए उनका आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होना जरूरी

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हालिया सालों में महिलाओं की भूमिका घर और बाहर दोनों ही जगह पर महत्वपूर्ण हुई है। आर्थिक विकास में महिला वर्ग की भूमिका की अहमियत भी बढ़ी है । यही वजह है आम बजट से आधी आबादी को भी बड़ी उम्मीदें रहती हैं, लेकिन इस बार के बजट में महिलाओं के लिए कोई खास घोषणाएं नहीं हुई हैं। हालांकि, ग्रामीण पृष्ठभूमि की गरीब महिलाओं के लिए जरूर सोच गया है। सरकार ने आठ करोड़ ग्रामीण महिलाओं को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन देने का प्रावधान किया है। बजट में चार करोड़ गरीब घरों को सौभाग्य योजना से बिजली कनेक्शन देने का भी प्रावधान है। साथ ही महिलाओं की गरिमा को ध्यान में रखते हुए वर्ष 2018-19 में गांवों में स्वच्छ भारत मिशन के तहत कुल 1.88 करोड़ नए शौचालय बनाने की बात भी की गई है। 2018-19 में ग्रामीण क्षेत्रों में 51 लाख आवास बनाने की भी योजना है, जिससे महिलाएं लाभान्वित होंगी। हमारे यहां औरतें खेती किसानी से भी बड़ी संख्या में जुड़ी हुई हैं। बजट में प्रावधान है कि आर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए महिला स्वयं सहायता समूह भी बनाए जाएंगे। साथ ही इस साल के बजट में महिला स्वयं सहायता समूह के लिए ऋण बढ़ाने क